1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट 2020 के दस्तावेजों की छपाई आज यानी सोमवार को हलवा रस्म के साथ शुरू हो गई। नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित किए जा रहे 'हलवा समारोह' के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे। सोमवार को परंपरागत हलवा रस्म का आयोजन किया गया, जिसके बाद बजट दस्तावेजों की छपाई की औपचारिक शुरुआत हो गई। यह रस्म बजट 2020-21 से संबंधित दस्तावेजों की छपाई की शुरुआत से जुड़ी है। सीतारमण अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। इससे पहले उन्होंने जुलाई 2019 में चुनाव बाद बजट पेश किया था।
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वित्त मंत्रालय के सभी सचिव, सीबीडीटी, सीबीआईसी प्रमुख व अन्य प्रमुख अधिकारी जो बजट से जुड़े हैं और दूसरे कर्मचारी भी हलवा रस्म का हिस्सा बने। एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊजार्, रेलवे, कृषि, सिंचाई, मोबिलिटी, स्वास्थ्य, जल में निवेश के प्रावधान किए जाने की उम्मीद है। बीती तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.5 फीसदी रही। ऐसे में सरकार का मकसद मांग बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में सुधार करने पर है। ऐसा कैसे किया जाएगा, इसे देखना बाकी है।
क्या है हलवा रस्म
हर साल बजट को अंतिम रूप देने से कुछ दिन पूर्व नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय में एक बड़ी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है। वित्त मंत्री खुद इस कार्यक्रम में भाग लेते हैं। हलवा बनाने की रस्म काफी पहले से ही चली आ रही है। इसके पीछे कारण यही है कि हलवे को काफी शुभ माना जाता है और शुभ काम की शुरुआत भी मीठे से की जाती है। हलवा रस्म के दौरान लोहे के बड़े बर्तन में हलवा तैयार किया जाता है और वित्तमंत्री समेत वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों को हलवा बांटा जाता है।
10 दिन परिवार से भी संपर्क नहीं कर पाएंगे मंत्रालय के कर्मचारी
इसके बाद नार्थ ब्लॉक के बेसमेंट में जहां बजट की छपाई होती है, वहां अगले 10 दिनों तक यह प्रक्रिया चलेगी और इसमें शामिल मंत्रालय के कर्मचारी वहां बंद रहेंगे। दरअसल, ऐसी परंपरा है कि बजट छपाई का काम शुरू होने से पहले बजट तैयार करने की प्रक्रिया से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े मंत्रालय के अधिकारियों को हलवा समारोह के बाद मंत्रालय में ही रहना पड़ता है। ये अधिकारी संसद में बजट पेश होने तक मंत्रालय में ही रहते हैं और बाहरी दुनिया यहां तक कि परिजनों से भी इनका संपर्क नहीं होता है। उन्हें फोन या ईमेल के जरिये भी किसी से संपर्क करने की इजाजत नहीं होती है। मंत्रालय के सिर्फ शीर्ष अधिकारियों को ही घर जाने की अनुमति होती है।